SIM CARD SWAPPING Fraud: एक Miss Call में बैंक Account खाली कैसे रोकें

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Sim Card Swapping कैसे होता है लोगों को लूटने का खेल आपका सिम कोई दूसरा कैसे उपयोग करता है इसके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे।

आज समय में सभी लोगों  के पास आज स्मार्टफोन है। आज की इंटरनेट की इस दुनिया में लगभग प्रत्येक व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इसके भले ही बहुत से फायदे हो लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है। आजकल साइबर फ्रॉड के नए नए एवं विभिन्न प्रकार के केस सामने आ रहे है।

SIM CARD SWAPPING

साइबर फ्राड करने लोग अक्सर नए नए तरीको का उपयोग करते है। जिनमें से साइबर फ्रॉड का एक तरीका सिम स्वैपिंग  है। सिम स्वैपिंग करके फ्राड करने बाले लोगों के बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं और लोगों इसकी थोड़ी भी भनक भी नहीं लगती है।

 सिम कार्ड स्वैपिंग के जुड़े मामले देश के कई राज्यों से सामने आए हैं जिनमें सिम स्वैपिंग करके लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं। आइए इस लेख जानते हैं कि आखिर क्या है सिम स्वैपिंग और इससे बचने के तरीके क्या है।

क्या है सिम स्वैपिंग?

सिम स्वैपिंग से सीधा मतलब है सिम कार्ड को बदल देना या उसी नंबर से दूसरा सिम निकलवा लेना है। सिम स्वैपिंग में आपके मोबाइल नंबर से एक नए सिम का अलग से रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके कुछ समय बाद आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और आपके मोबाइल से अचानक नेटवर्क गायब हो जाता है।

 ऐसे में ठग आपके मोबाइल नंबर से एक दूसरा नया सिम चालू कर लेता है और इसी का फायदा उठाकर वह आपके नंबर पर ओटीपी लेकर और फिर आपके खाते से पैसे निकाल लेता है। 

ठगी कई लोग मिलकर करते हैं

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के अनुसार लगभग 2011 के बाद इस तरह के अपराध बहुत तेजी बढ़े हैं। सिम स्वैपिंग सिर्फ एक ब्यक्ति नहीं करता बल्कि इस तरह के काम को अंजाम देने में कई लोग शामिल रहते हैं। एक संगठित साइबर फ्राड का समूह इस प्रकार के काम को अंजाम देते हैं।

 साइबर फ्राड करने बाले लोग अलग-अलग तरह के मीडिया, सोशल मीडिया के द्वारा पहले तो आप पर नजर रखी जाती है और आपकी जानकारियां एकत्रित की जाती हैं। कई बार आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और उसके द्वारा आपसे जानकारी ली जाती हैं।

अक्सर ऐसे ही होती है सिम स्वैपिंग की शुरुआत

सिम कार्ड स्वैपिंग के लिए लोगों के पास ये ठग फोन करते हैं और दावा करते हैं कि वे आपके सिम कार्ड की कंपनी जैसे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया या जियो के ऑफिस से बोल रहे हैं। ये ठग लोगों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्रॉप को ठीक करने का दावा करते हैं।

इसी बातचीत के दौरान ये आपसे 20 अंकों का सिम नंबर मांगते हैं जो कि सिम कार्ड के पीछे लिखा होता है। जैसे ही आप नंबर बताते हैं तो वे आपसे 1 दबाने के लिए कहते हैं। 1 दबाने के साथ ही नया सिम कार्ड जारी करने का ऑथेंटिकेशन पूरा हो जाता है और फिर आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाता है।

ये साइबर फ्राड करने वाले लोग अक्सर आपको कॉल करते है और वे बोलते है की मै एयरटेल कंपनी या अन्य कंपनी जिसकी आपकी सिम है में उस कंपनी से बोल रहा हु। ये ठग बोलते है कि इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्राप को ठीक करने का दावा करते है आपका सिम खराब हो चुका है आपको दूसरा सिम ले लेना चाहिए।

ये ठग अक्सर उन दिनों को चुनते है जिनमें 2 से 3 दिनों की अक्सर छुट्टी रहती है। लोगों झांसा में लेकर मेल एड्रेस द्वारा लिंक भेजते है जिस पर ठग लोग फॉर्म भरने के लिए बोलते है जिससे की आपकी सिम पुनः एक्टिवेट हो जायेगी और क्यू आर कोड मिलेगा जो कि आपके मोबाइल में आ जायेगा।

 आपके द्वारा यह फॉर्म भरने के बाद कंपनी द्वारा भेजा गया क्यू आर कोड हैकर हाथ लग जाता है वह क्यू आर कोड को स्केन करके आपके नम्बर कि सिम एक्टिवेट कर लेता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 4 से 12 घंटे लगते है। इधर कस्टमर के नम्बर की सिम बंद हो जाती है।

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नेटवर्क ठग के फोन में आ जाता है

जैसे ही आपके सिम का नेटवर्क गायब होता है वैसे ही ठग के पास आपके नंबर से दूसरे मौजूद सिम कार्ड में नेटवर्क आ जाता है। ये ठग बड़े ही शातिर होते हैं। ये पहले से ही लोगों पर अपनी नजर बनाए रखते हैं और इंटरनेट बैंकिंग की आईडी और पासवर्ड इनके पास पहले से ही एकत्रित करके रखते है।

ट्रांजेक्शन करने के लिए इन्हें सिर्फ एक ओटीपी की आवश्यकता होती है जिसे ये लोग सिम स्वैप की प्रक्रिया को पूरा करके प्राप्त कर लेते हैं।

SIM CARD SWAPPING Fraud
SIM CARD SWAPPING Fraud

फर्जी साइट के द्वारा एकत्रित करते हैं बैंकिंग डीटेल

ये ठग ऑनलाइन विज्ञापन का सहारा लेकर फर्जी बैंकिंग वेबसाइट को बनाकर लोगों की बैंकिंग सम्बंधित जानकारियां एकत्रित करने के लिए फर्जी बेव साईट का सहारा लेते है इसके बाद जब आप गूगल में अपने इंटरनेट बैंकिंग सर्च करते हैं तो इनकी फर्जी वेबसाइट का लिंक सबसे ऊपर दिखई देता है।

ऐसे में आपको लगता है कि सबसे ऊपर दिखाई देने वाला लिंक सही है। इसके बाद आप फर्जी वेबसाइट पर अपने इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड और आईडी डाल देते हैं और यहीं से आपकी बैंकिंग डीटेल इन ठगों के पास पहुंच जाती है।

तो आपके लिए आवश्यक है कि आपको इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से ही करें। वेबसाइट के बारे में पूरी जानकारी आपको बैंक से मिली बुक में मिल जाएगी।

फोन को बंद करने की यह गलती ना करें

कई मामलों में ऐसा भी हुआ है कि ये ठग लगातार फोन करके परेशान करते हैं। ऐसे में आप इन ठगों से तंग आकर अपना फोन को बंद कर देते हैं और उन्हें इसी समय बेसब्री से इंतजार होता है। लिकिन एक सिम को एक्टिव होने में लगभग तीन से चार घंटे का समय लगता है।

ऐसे में वे ठग आपको परेशान करके आपका फोन बंद कराना चाहते हैं जिससे कि उनको सिम कार्ड को चालू कराने का समय मिल जाए।

ये ठग अकाउंट में पैसे जमा करने का दे सकते हैं ऑफर

कोई भी अनजान व्यक्ति आपके खाते में कुछ पैसा जमा कराना चाहता है तो उससे भी सावधान रहने की जरूरत है  वे लोग आपसे कहेंगे कि 10 फीसदी रुपये आपको दे देंगे। आपको ऐसे अक्सर फोन भी आ सकते हैं जिनमें कहा जाएगा कि कुछ ही देर में आपके खाते में रकम भेजी जाने वाली है।

ये रकम सिम स्वैपिंग के माध्यम से किसी के खाते से अवैध तरीके से निकाली गई रकम हो सकती है। ऐसे में आप अनजाने में अपराधी बन सकते हैं क्योंकि आपका खाता भी उन ठगों के अपराध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा। अगर कोई अनजान व्यक्ति बिना मतलब के आपके खाते में पैसे जमा करना चाहता है तो उसके झांसे में न आएं।

सिम स्वैपिंग द्वारा ठगी होने पर क्या करें

मान लीजिये आपने अपनी ओर से पूरी सावधानी वर्ती लेकिन किसी कारणवश आपके साथ ऐसा हो जाता है तो आपको ऐसे में क्या करना चाहिए। किसी भी तरह के आपके साथ फ्रॉड होने पर सबसे पहले अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को बैंक कस्टमर केयर से ब्लॉक करवाएं और इसके बाद बैंक को इसकी लिखित पूरी सूचना दें।

इसके अलावा गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई वेबसाइट आप https://cybercrime.gov.in/ पर भी जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप अपने नजदीकी थाने में एफ आई आर लिखवा सकते है।

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