ज़ब Apple कंपनी से सरकार ने अरविन्द केजरीवाल के Iphone का पासवर्ड मांगा तब क्या हुआ ?

ज़ब apple कंपनी से ed ने अरविंद केजरीवाल के iphone का पासवर्ड मांगा तब apple कंपनी ने मना कर दिया हैं, सबसे पहले तो ed ने अरविंद केजरीवाल से उनके फोन का पासवर्ड मांगा था तो अरविंद केजरीवाल ने पासवर्ड देने से मना कर दिया, लेकिन अब ed ने सीधे कंपनी से ही पासवर्ड मांगा है लेकिन कंपनी ने भी पासवर्ड देने से मना कर दिया, अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि कंपनी ऐसा क्यों कर रही है कंपनी सरकार की बात की अवहेलना क्यों कर रही है,

Apple कंपनी की एक नीति है जिसके अंदर कोई भी चाहे वह देश की सरकार ही क्यों ना हो किसी भी व्यक्ति के आईफोन का पासवर्ड मांगती है तो कंपनी उस पासवर्ड को नहीं देती है, यह तो हुई भारत सरकार की बात लेकिन एक बार अमेरिका की सरकार ने या Fbi ने एक मुजरिम के आईफोन का पासवर्ड कंपनी से मांगा था तो तब भी कंपनी ने पासवर्ड देने से इनकार कर दिया था,

सोच कर देखिए अमेरिका की सरकार या FBI ने कंपनी से पासवर्ड मांगा था लेकिन कंपनी ने पासवर्ड अमेरिका की सरकार को भी नहीं दिया, एप्पल इसीलिए अपनी नाम से जाने जाती हैं,

एप्पल कंपनी की नीति है इसी दौरान एप्पल कंपनी इतना ज्यादा फेमस है बड़े-बड़े लोग एप्पल फोन को ही रखते हैं क्योंकि एप्पल हमेशा कोई भी हो चाहे सरकार हो या फिर कोई यूजर भी क्यों ना हो, लेकिन कंपनी किसी को भी पासवर्ड और डाटा उस फोन का नहीं देती है जब तक की यूजर स्वयं ना कहे,

ज़ब Apple कंपनी से सरकार ने अरविन्द केजरीवाल के Iphone का पासवर्ड मांगा तब क्या हुआ ?

एप्पल के ios ऑपरेटिंग सिस्टम को हैक करना आसान भी नहीं है, एप्पल के फोंस का पासवर्ड और डाटा का पता किया जा सकता है लेकिन उसके लिए अरबो रुपए सरकार लगाती हैं, इतना सहज तरिके से Iphone का पासवर्ड पता नहीं किया जा सकता हैं,

और अब तो एप्पल कंपनी ने यूजर के डाटा को एंक्रिप्ट करना भी शुरू कर दिया है अर्थात इंक्रिप्शन का अर्थ होता है कि यूजर का डाटा जैसा है वैसा ना दिखाई देकर वह किसी कोड में परिवर्तित हो जाता है और कोड के रूप में दिखाई देता है ना कि जैसा है वैसा,

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