जल्दबाजी करना रूस पर पड़ा भारी, फैल हो गया चांद की सतह पर उतरने मे लूना-25

जल्दबाजी करना रूस पर पड़ा भारी, फैल हो गया चांद की सतह पर उतरने मे लूना-25 

भारत का मित्र संघ कहा जाने वाले रूस का मिशन मून फ़ैल हो गया। रूस का लूना-25 जो की 21 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड होने वाला था अब वह चांद की किसी सतह से टकरा कर क्रेश हो चुका है।  आपको बता दें की लूना-25 रूस के द्वारा चांद की सतह का परिक्षण करने के लिए भेजा गया यह 25 यान है। इस साल लगभग 47 साल के बाद रूस ने चांद के लिए अपना कोई यन्त्र भेजा था, जो की 11 अगस्त को रूस से चांद के लिए भेजा गया था। जानकारी से प्राप्त खबरों के अनुसार  21 अगस्त को ही लूना-25 चांद पर लैंड होना था,लेकिन यह वहाँ लैंड नहीं हो सका और इसके पहले वह क्रेश हो गया।

टेक्निकल परेशानी से हुआ लॉन्च

प्राप्त खबरों यह सूचना मिली है की रूस का जो यह लूना-25 तकनिकी खराबी के कारण क्रेश हुआ है,19 अगस्त को इसके अंदर कुछ टेक्निकल इशूस आ गये जिसके बाद उसको नियंत्रण करना थोड़ा कठिन हो गया, ऐसा होने के बाद लूना-25 को अपनी आर्बिट को बदलने मे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, जिससे यह चांद की किसी सतह से टकराने के बाद दुर्घटना का शिकार हो गया और क्रेश भी हो गया।

सिर्फ एक दिन बाद होने वाला था लैंड

हम आपको बता दें की लूना-25 11 अगस्त लॉन्च hua था और सिर्फ 10 दिनों के बाद ही यह चांद पर लैंड होने वाला था और यह धीरे-धीरे अपने लैंड होने के अंतिम पड़ाव मे पहुंच ही गया था और अपनी अंतिम आर्बिट मे भ्रमण कर रहा था, इसके बाद वह सीधे 21 अगस्त को चांद पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयारी हो गया था, लेकिन जैसे ही यह चांद के नजदीक पहुंच गया तो वह अपनी आर्बिट को बदल नहीं पर रहा और अंत मे यह अनियंत्रित होकर चांद से टकरा कर दुर्घटना का शिकार हो गया, लैंडिंग के महज 1 दिन पहले ही यह खबर प्राप्त हुयी।

लूना-25

चंद्रयान-3 से बहुत आंगे था लूना-25

हम आपको बता दें की रूस का यह लूना-25 वह भारत के द्वारा भेजे गये चंद्रयान-3 से बहुत अधिक तेज था और जो सफर पूरा करने मे चंद्रयान को 40 दिन लग रहे थे वही रूस के लूना-25 को महज 10 दिन का समय ही इसके लियें लगने वाला था। यह भारत के चंद्रयान से दो दिन पहले चांद पर लैंड होने वाला था जिसकी तिथि 22 अगस्त थी जबकि चंद्रयान-3 23 अगस्त की शाम को चांद की सतह पर लैंड करने वाला था।

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वहाँ चंद्रयान उतरेगा चांद और तो यहाँ अब सूर्ययान के लिए उड़ान भरेगा एक और राकेट