क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, जिस पर आज हाई कोर्ट पर फैसला

क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, जिस पर आज हाई कोर्ट पर फैसला, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद बना हुआ था जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने है याचिका दायर की थी कि ईदगाह मस्जिद में चल रही कमिश्नर सर्वे को रोका जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्टमैं इसके विरोध में फैसला सुनाते हुए आदेश जारी किया है कि सर्वे को नहीं रोका जाएगा अगर इससे कोई दिक्कत है तो प्रॉपर तरीके को अपना जिसके बाद साक्ष्य के अनुसार फैसला सुनाया जाएगा।

इसके पहले भी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक दिन पहले फैसला सुनाते हुए कहा था कि श्री कृष्ण जन्मभूमि पर कमिश्नर सर्वे किया जाए जिससे पूरी जानकारी का सही-सही पता लगाया जा सके। लेकिन इसका विरोध करते हो मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका दर्ज की थी इसके फैसले को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। आईए जानते जाकर क्या है श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद जिसके लिए कई वर्षों से चल रहा है मुकदमा।

क्या है श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद

बता दे किसी कृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद किस पिछले कुछ वर्षों से लगातार चलता आ रहा है श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के कुछ प्रमुख बिंदु नीचे इस प्रकार से हैं।

  • पूरा विवाद मथुरा में 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है।
  • जिसमें से करीब 11 एकड़ जमीन में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर भगवान श्री कृष्ण का मंदिर बना हुआ है।
  • शेष बची हुई 2.37 एकड़ जमीन पर मुसलमानों की ईदगाह शाही मस्जिद है।
  • हिंदू पक्ष का दावा है की बची हुई जो समय-समाती से करते जमीन पर मस्जिद को हटाकर मंदिर को सौंप दी जाए।
  • साल 1968 में हुई जमीन के समझौते को ही रद्द कर दिया जाए और इसकी पूरी जमीन श्री कृष्ण जन्मभूमि में दान के रूप में प्रदान की जाए क्योंकि यहां पर प्राचीन समय से ही श्री कृष्ण का मंदिर था।

क्या है दावा

 श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दोनों पक्ष के अपने-अपने अलग-अलग दावे हैं हिंदू जहां हिंदू पक्ष का दबाया की पूरी जमीन हिंदुओं की है यहां पर 1670 में औरंगजेब के द्वारा श्री कृष्ण जी के मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी लेकिन अब समय आ गया है जिसको फिर से बदलकर श्री कृष्ण जन्मभूमि बदल दिया जाए।

इसको लेकर हिंदू पक्ष में दावा किया है मथुरा में स्थित मस्जिद के अंदर भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां और पैरों के निशान और अन्य चीज हैं जिसको लेकर मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ऐसी किसी भी प्रकार के साक्ष्य यहां पर मौजूद नहीं है यहां पर प्राचीन समय से ही ईदगाह मस्जिद मौजूद है।

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