Bageshwar Dham: कैसे हुयी बागेश्वर सरकार को सिद्धि की प्राप्ति, जानिए स्वयं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से
Bageshwar Dham:आज के समय मे बागेश्वर धाम के पिठाधीश्वर कहे जाने वाले पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को कौन नहीं जनता है, हर एक व्यक्ति के मुँह पर उनका नाम है अगर कही भी हिन्दू राष्ट्र या अध्यात्म की चर्चा होती है तो सबसे पहले पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का नाम ऊपर आता है
और ऐसा हो भी क्यों ना क्यूंकि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी जिस तरह से चमत्कार दिखाते की लोगो के मन की बात पहले से ही पर्चे पर लिख देते है सिर्फ लिखते ही नहीं बल्कि उनकी समस्याओ का समाधान भी करते है, अब ऐसे मे प्रश्न यह उठता है की आखिर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को कैसे हुयी इस सिद्धि की प्राप्ति, जानिए स्वयं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के द्वारा।
बागेश्वर सरकार ने होली के एक दिन पहले Zee News के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया से वार्तालाप कि थी जिसमे एंकर दीपक चौरसिया ने शास्त्री जी से पूछा की आपका अध्यात्म की तरफ झुकाव कब से शुरु हुआ जिसके जवाब मे उन्होंने अपनी पूरी बात को सामने किया हालांकि कुछ तथ्यों के बारे मे उन्होंने कहा की यह टीवी पर बताने का विषय नहीं है।
Bageshwar Dham:दादा गुरूजी से प्राप्त की साधना-सिद्धि
बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा की मेरे दादाजी पर बागेश्वर बालाजी की कृपा मुझसे भी ज़्यादा थी उनका हनुमान जी के प्रीति समर्पण और उस समय पर बड़े बड़े अधिकारी जैसे आईएएस और आईपीएस जैसे लोग आते थे इन सभी कारण से मेरा आकर्षण दादाजी की तरफ बड़ गया और पारिवारिक स्थिति को देखकर मै एक दिन दिन दादाजी के पास गया,
और उनसे कहा की आप तो सब कुछ जानते है लेकिन मै तो कुछ नही जनता आप मुझे बताओ तो उन्होंने मुस्कुरा कहा की ठीक है रात को आना, तो फिर रात को धीरेन्द्र शास्त्री जी दादाजी के पास गए फिर उन्होंने एक सूत्र दिया मेरी बाहे पकड़ी और फिर बालाजी से उन्होंने मुझसे जोड़ा और कहा की इससे बड़ी संपत्ति और कुछ भी नहीं है
उसके बाद एक लीला बताई मतलब एक बहुत तेज सा प्रकाश हुआ जिसका पूरा वर्णन उन्होंने नहीं किया क्यूंकि वह टीवी पर बताने का विषय नहीं है केवल अनुभव का विषय है ऐसा शास्त्री जी ने कहा, गुरुदेव जी महाराज ने आगे कहा की मै यह सोच रहा था की उन्होंने मुझे ये नहीं बताया की मेरी गरीबी कैसे दूर होंगी हालांकि उस समय यह समझ मुझे नही थी की उन्होंने मुझे क्या दे दिया है।
इसके बाद धीरे- धीरे आभाष होने लगा अनुभव होने लगा की कोई व्यक्ति मेरे सामने है तो यह क्या बोलेगा ऐसा अंदर से अनुभव होता था लेकिन हम कह नहीं पाते थे पर वो आकर बताते थे की मेरा नाम यह है तो मुझे लगता था की ये तो हमें पता था
हमने पहले क्यों नहीं बताया, फिर गुरूजी को यह सब बताया और मुझे कुछ उपाय भी बताये और मेने साधना तपस्या की लेकिन उसके 2 साल बाद दादा गुरूजी का देहांत हो गया काशी मे उन्होंने अपना शरीर त्यागा,बस उसी महापुरुष की वजह से मुझे यह सिद्धि प्राप्त हुयी ऐसा पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया।

Bageshwar Dham:बताते वक़्त भावुक हुए शास्त्री जी
जब पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी Zee News पर यह सब बता रहे थे तो उनकी आंखे बहुत बार – बार नम हो रही थी क्यूंकि जहाँ बैठकर शास्त्री जी ये सब बता रहे थे वहाँ से दादा गुरूजी के क्रियाकलाप उन्हें स्पष्ट दिख रहे थे।