Bageshwar Dham: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कथा सुनने वाले मे होने चाहिए यह लक्षण, नहीं तो नहीं निकलता कोई सार
बागेश्वर सरकार के नाम से प्रसिद्ध पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की बताई हुई बातों को हर कोई अपने स्मरण मे रखता है, बरकथा करते समय हमेशा लोगों को भक्ति से जुड़ी हुई बातें बताते रहते हैं जिससे उनका उद्धार हो सके साथ ही वह यह भी बताते हैं कि इन नियमों का पालन करना इतना अधिक जरुरी क्यों है।
तो दोस्तों आप अगर बागेश्वर धाम के भक्त हैं और पंडित जी ने कितने स्वास्थ्य की बातों का अनुसरण करते हैं तो समझ गई उनके द्वारा की कथा सुनने वाले में क्या लक्षण होना जरूरी है, आइये बता देते है इन लक्षण को गुरूजी के अनुसार।
कथा सुनने वाले मे लक्षण – पंडित धीरेन्द्र शास्त्री
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कथा सुनने वालो के श्रोताओ के लिए सबसे पहले तो कहा की सबसे पहले तो एक श्रोता कथा सुनते समय गंभीर होना चाहिए। हर एक श्रोता को कथा की अंतिम आरती के बाद ही कथा कार्यक्रम से जाना चाहिए क्योंकि कथा के बीच मे कभी भी भगवान को पीठ दिखा कर नहीं भागना चाहिए क्योंकि इस तरह से बीच मे भागने से उसके जितने भी पहले के पुण्य होते है वह सब नष्ट हो जाते है। अब नीचे जानिए कथा सुनने के प्रमुख लक्षण जो इस प्रकार से है।

- जो भी श्रोता भगवान की कथा सुने उसे कथा को भगवान के सामने बैठ कर ही सुनना चाहिए।
- जब तक कथा चले तो यहाँ वहाँ की बातें ना करें, केवल एकार्ग मन से भगवान की कथा पर ही ध्यान दें।
- कथा मे हमेशा सावधान होकर ही बैठे, हर एक बात को ध्यान से सुने और समझें।
- कथा सुनने वाले को अंतिम लक्षण पंडित शास्त्री ने बताया की कथा सुनाने वाला आपसे दर्जे मे यह उम्र मे कितना भी छोटा क्यों ना हो, लेकिन जब तक वह व्यास पीठ पर है उसको सबसे बड़ा मानना चाहिए।
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