Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार छतरपुर कैसे जाए पूरी जानकारी

Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार छतरपुर कैसे जाए पूरी जानकारी, बागेश्वरधाम कौन गाँव मे है, बागेश्वर धाम सरकार का नाम क्या है?, बागेश्वर धाम की क्या विशेषता है? जीवन परिचय और भी जानकारी विस्तारपूर्वक जानने वाले है. bageshwar dham

बागेश्वर एक पवित्र स्थान है, जहाँ पर लाखो लोगो कि मनोकामनाये पूरी होती है, बागेश्वर धाम के गुरूजी का नाम पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री है, बागेश्वर धाम के गुरूजी को भगवान् हनुमान जी कि असीम कृपा है, दिव्य दरवार मे भगवान् हनुमान जी और दिव्य शक्तिया उनको प्रेरणा देती है इसी कारण गुरूजी लोगो कि मन कि बात जान लेते है.

Bageshwar Dham Sarkar

बागेश्वर धाम सरकारBageswar Dham Sarkar
गुरूजी का नामबागेश्वर धाम पीठाश्वर साधक श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वर धाम के गुरूजी कौन हैबागेश्वर धाम पीठाश्वर साधक श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वर धाम कहाँ हैग्राम गड़ा पोस्ट गंज जिला छतरपुर मध्य प्रदेश
किस जिले हैछतरपुर
गाँव का नामगड़ा
राज्य का नाममध्य प्रदेश
Pin Code471606
सागर से बागेश्वर धाम कितने किलोमीटर है181 km
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी का नामपंडित श्री भगवानदास/सेतुलाल गर्ग दादा जी महराज
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पिताजी का नाम क्या हैपंडित श्री रामकृपाल जी
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की माता का नाम क्या हैश्रीमती सरोज
बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं?बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं?
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जन्म कब हुआ4 जुलाई 1996
Bageshwar Dham Sarkar

लोग आज देश विदेश से लाखो कि संख्या मे बागेश्वरधाम दौड़े चले आ रहे है, कोई बीमारी से परेशान है, कोई संतान कि कामना लेकर आया है, कोई प्रेत बढ़ाओ से परेशान है, कोई अशांति से, बागेश्वर धाम मे इन सबका निवारण है

Bageshwar Dham Sarkar कहाँ है ?

बागेश्वर धाम बुंदेलखंड के ग्राम गड़ा पोस्ट गंज जिला छतरपुर मध्य प्रदेश मे स्तिथ है, Pin Code 471606 है

Bageshwar Dham Sarkar के बारे मे

हज़ारो समस्याओ से दुखी लोग बागेश्वर धाम मे अपनी समस्याओ का समाधान पा रहे है, आश्चर्य तो इस बात का है कि विज्ञान के इस युग मे समस्याओ को लेकर आये ब्यक्तियों कि मन कि बात उनसे बिना पूछे पंडित श्री बागेश्वर धाम के द्वारा पहले से एक पर्चे पर लिख जाती है, bageshwar dham

बिना सिर्फ ब्यक्ति का भूत, भविस्य, बर्तमान जान लेते है और उन समस्याओ का समाधान भी बता देते है, वह भी पूर्णतः निशुल्क,

Bageshwar Dham Sarkar
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गड़ा गाँव के बाहरी हिस्से मे एक प्राचीन मंदिर है जो चंदेल कालीन बताया जाता है, इस मंदिर मे बागेश्वर महादेव का चमत्कारिक स्वरुप है और वहीं स्वयं भगवान बालाजी भी विराजमान है, नियति ने पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को पुकारना शुरू कर दिया,

और इसके माध्यम बने बागेश्वर मंदिर के पुजारी और धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दादा पंडित श्री भगवानदास/सेतुलाल गर्ग दादा जी महराज, bageshwar dham

Bageshwar Dham Sarkar कि सच्चाई क्या है ?

आपके मन मे एक प्रश्न आया होगा कि श्री बागेश्वर बालाजी सरकार और बागेश्वर महादेव के कृपा पात्र संत श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पास ऐसी कौन सी दिव्य शक्ति है जिससे वो लोगो के मन कि बात जान जाते है,

Bageshwar Dham Sarkar
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स्वयं श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार

गुरूजी बताते है कि उन्ही बागेश्वर बालाजी कि सेवा मे 8-9 बर्ष से ही शुरुआत हो चुकी थी, जब गुरूजी 12-13 बर्ष के थे तब उनके अनुभव बढ़ने लगे थे, उनके पूज्य दादा उन्हे बिशेष विधिओ के द्वारा उन्ही सजोने लगे थे,

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श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कि माता का नाम श्रीमती सरोज और पिता का नाम पंडित श्री रामकृपाल है, गुरूजी का जन्म 15 जुलाई 1996 को हुआ था, इनका बचपन अति गरीबी मे बीता है, एक कच्चे मकान मे ही उनका पूरा परिवार रहता था,

उनका पूरा परिवार पूजा रचा करने के बाद दक्षणा पर ही निरभर थी, उनकी भी इच्छा थी कि उनका परिवार अच्छा खाना खाये, एक अच्छा जीवन बिता सके, लेकिन पैसो कि तंगी के कारण ऐसा संभव नहीं था, वो कहते है ना कि जब आपका बुरा वक़्त हो तो कोई साथ नहीं देता सिवाए उस परमात्मा के

हमारे गुरुजी कम उम्र मे ही साधना, योग, Meditation आदि करते थे, गुरुजी कहते है कि उनको आगे बढ़ाने वाला, आगे मार्ग बताने वाला कोई नहीं था इस कारण से वे रोते रहते है,

गुरूजी कहते है कि उनकी ज़िन्दगी मे एक नया मोड़ आने वाला था इसलिए शायद ईश्वर परीक्षाये ले रहा था, गुरूजी कहते है कि उनको स्वप्न मे ऐसी प्रेरणाये हुई कि अगर आगे बढ़ना है तो साधना मार्ग को अपनाओ,

स्वप्न आने के बाद गुरूजी के मन मे कई प्रश्न थे कि साधना कैसे करें, साधना मे कौन सा मार्ग अपनाये आदि, गुरूजी को बालाजी कि साधना हुई कि आप अज्ञातवाश कि साधना करो, अज्ञातवास साधना से ही संसार कि कठनाईयो को भेदते हुए आप लोगो के जीवन मे प्रकाश भर सकते हो,

गुरूजी कहते है कि उन्होंने इस बात को पिता जी और माताजी को बताया, और माता पिता ने इस बात गंभीर रूप से नहीं लिया, उसके बाद गुरूजी को 2 बार फिर अज्ञातवास का स्वप्न आया, लेकिन गुरूजी उस समय अज्ञातवास को नहीं जानते थे,

गुरूजी ने खोज करी तो उन्होंने पाया कि पांडवो ने भी अज्ञातवास कि साधना कि थी, इसके बाद गुरूजी को मालुम हो गया था कि अज्ञातवास कि साधना से वो आगे बढ़ सकते थे,

और गुरूजी ने बाद मे अज्ञातवास का चुनाव किया, उसी अज्ञातवास के दौरान उन्होंने अपने परदादा/ बंशीय गुरु श्री सद्गुरु सन्याशी बाबा, सन्याशी बाबा कि प्रेरणाये, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी को होने लगी थी,

Bageshwar Dham Sarkar
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कभी वो गुरूजी के दर्शन करते, कभी सध्गुरु दर्शन देते, उसी अज्ञातवास मे उनका आशीर्वाद मिला, उसके बाद उन्ही भगवत कृपा प्राप्त हुई, और सद्गुरु ने उन्ही वापिस जाने को कहाँ और फिर गुरूजी वापिस आ गए,

उसके बाद गुरूजी अपने गाँव वापिस आये, गुरूजी कहते है कि सद्गुरु सन्याशी बाबा और श्री बालाजी सरकार कि कृपा से उन्होंने कार्य शुरू कर दिए और आज हम सब देख रहे है कि देश-विदेश से लोग आ रहे है बागेश्वर धाम

अज्ञातवास के कठिन मार्ग पर चलकर श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने भगवत कृपा को प्राप्त किया जिसे देख लोग बागेश्वर धाम आ रहे है और अपनी समस्याओ का समाधान पा रहे है,

लोग पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भगवान् कहते है

लोग पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भगवान् कहते है क्योंकि लोगो कि समस्याओ को उन्होंने दूर किया है, लेकिन स्वयं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अपनेआप को भगवान् नहीं मानते है, और वो कहते है कि मे भगवान् नहीं हूँ, उन्होंने कहा है कि एक इंसान महापुरुष, योगी, गुरु बन सकता है लेकिन भगवान नहीं बन सकता है,

गुरूजी अपनी शक्तियों को बालाजी कि महिमा के सिवा और कुछ नहीं मानते है,

भक्तो को उनकी समस्याओ का समाधान तो मिलता ही है लेकिन और साथ मे माँ अन्नपूर्णा कि कृपा से प्रतिदिन सबको प्रशाद भी मिलता है, गुरूजी गौ सेवा, गरीब कन्याओ का विवाह आदि कल्याणकारी कार्य कर रहे है.

दोस्तों मेने पहले ही किसी दूसरे article मे बताया है कि अगर एक इंसान साधना, योग, ध्यान करता है, तो उस इंसान कि कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है, और प्राकृतिक देविक शक्तियां उसके शरीर मे आ जाती है और वह इंसान आत्मज्ञानी बन जाता है,

और फिर लोगो कि मन कि बात जानना मुश्किल काम नहीं रहता है, लेकिन इस पथ को अपनाना थोड़ा सा कठिन है,

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