आर्टिमिस -1 अभियान में नासा नये लक्ष्य क्यों जोड़ रहा है?

आर्टिमिस -1 अभियान में नासा नये लक्ष्य क्यों जोड़ रहा है?

NASA के अभियान 

नासा (NASA) ने चंद्रमा के लिए भेजे गए आर्टिमिस 1 अभियान (Artemis 1 Mission)के अंतर्गत इसमें सात नये उद्देश्यों को जोड़ा गया है। इस अभियान के 16वें दिन में ओरियॉन यान (Orion spacecraft) चंद्रमा की पूरी परिक्रमा कर पृथ्वी की ओर लौट रहा है।

 लेकिन अभियान की उम्मीद के सफलता के मुताबिक को देखते हुए नासा ने हीटशील्ड, नेवीगेशन सिस्टम, ओरियॉन के गहरे अंतरिक्ष में कार्य करने की क्षमता जैसे परीक्षणों को जोड़ा गया है।

नासा का आर्टिमस 1अभियान में नये 7 परीक्षण को जोड़ना

नासा के आर्टिमिस 1 अभियान ओरियॉन यान चंद्रमा की परिक्रिमा का चरण लगभग पूरा कर चुका है। अब पृथ्वी की ओर लौटते समय नासा ने सात और परीक्षण कर इस अभियान में जोड़ दिये हैं। इससे आर्टिमिस 2 अभियान को सुचारू रूप से चलाने में ही वैज्ञानिकों को सहायता मिलेगी।

नासा के आर्टिमिस 1 अभियान (Artemis Mission of NASA) को प्रक्षेपित हुये 16 दिन हो चुके हैं। अब नासा का ओरियॉन यान (Orion Spacecraft) पृथ्वी की ओर लौटने की राह पर रह है।

तीन चरणों के अभियानों के पहले हिस्से का कार्यक्रम आशाओं के मुताबिक के पूरी तरह अनुकूल चल रहा है जिसमे पहली बार नासा के बनाये स्पेस लॉन्च सिस्टम (Space Launch System) के पहले परीक्षण के साथ ऑरियॉन यान का भी पहला परीक्षण किया जा रहा है।

अभी तक दोनों ही मामलों में नासा को आशातीत सफलता मिल रही है। इस अभियान से नासा ने संतुष्ट और उत्साहित हो कर नासा ने इस अभियान में 7 और परीक्षण अभियान जोड़ने का फैसला किया है।

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Nasa artemis 1

कैसे छोड़ी चंद्रमा की कक्षा

16 नवंबर को शुरू हुये इस अभियान में ओरियॉन यान को चंद्रमा का एक चक्कर लगाते हुये, चंद्रमा की दूर की कक्षा को छोड़ अब पृथ्वी की ओर लौटते अपनी वापिसी की राह पर निकल पड़ा है।

यान ने अपनी रेट्रोग्रेड डिपार्चर बर्न को सफलतापूर्वक पूरा किया है।  इसमें यान ने एक मिनट 45 सेकेंड तक अपने मुख्य इंजन को चलाया गया जिससे वह चंद्रमा की ओर से चन्द्रमा की कक्षा से बाहर निकल कर पृथ्वी की ओर वापिस आने लगा है।

आर्टिमिस -1

और ज्यादा परीक्षण

नासा के एक्सप्लोरेशन सिस्टम्स विभाग के एसोसिएट प्रशासक जिम फ्री ने ट्वीट के जरिए बताया कि टीम अब अभियान में नये “ऑब्जेक्टिव” जोड़ रही है क्योंकि ओरियॉन बहुत अच्छे से काम कर रहा है।

 अब वैज्ञानिक यान को विन्यास 20 डिग्री ऊपर की ओर करेंगे जिससे ओरियॉन का तापीय कार्य निष्पादन को समझा जा सके जब उसका पिछला हिस्सा सूर्य की ओर नहीं होगा।

134 उद्देश्यों में सात और जोड़े गये 

इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को आर्टिमिस 2 अभियान के लिए और अधिक आंकड़े जमा करने का अवसर मिल सकेगा। आर्टिमिस1 के मिशन मैनेजर ने हाल ही में बताया कि अभियान के 134 उद्देश्यों में अब सात और नये उद्देश्य जोड़े गये हैं जबकि अभी तक 31 उद्देश्य से अधिक पूरे हो चुके हैं।

आर्टिमिस 1 अभियान अभी दल रहित अभियान है जिसमें ओरियॉन यान का परीक्षण का उद्देश्य सबसे मुख्य भाग है। नासा का आर्टिमिस 1 अभियान  (Artemis 1 Mission) पिछले माह 16 नवंबर को लॉन्च किया गया था। 

कुछ प्रमुख परीक्षण

इन नये उद्देश्यों में ओरियॉन के तापीय कार्य निष्पादन के अलावा नेविगेशन सिस्टम, हीटशील्ड, और गहरे अंतरिक्ष में ओरियॉन की संपूर्ण कार्य प्रणाली के परीक्षण शामिल है।

जिससे आर्टिमिस 2 अभियान को भेजने से पहले किसी भी समस्या को ठीक किया जा सके। आर्टिमिस 2 अभियान बिलकुल आर्टिमिस 1  की तरह ही समान होगा। इसमें अंतर केवल इतना है कि आर्टिमिस 2 अभियान में अबकी बार चार सदस्यों का दल एवं समूह भी साथ जायेगा।

स्टार ट्रेकर्स का परीक्षण

इस अभियान के पहले के 12वें दिन नासा के वैज्ञानिकों ने अपने जेट फायरिंग डेवेलपमेंट फ्लाइट उद्देश्य के परीक्षण को पूरा कर लिया था जिसमें अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स का प्रदर्शन प्रमुख रुप से शामिल था।

नासा ने अपने नयी रिपोर्ट मुताबिक बताया कि पूरे मिशन के दौरान नियोजित परीक्षण के हिस्से के रूप में, नेवीगेशन,गाइडेंस, कंट्रोल ऑफिसर, जिसे जीएनसी भी कहा जाता है, जिनमें के स्टार ट्रेकर्स के आठ में से छह परीक्षण पूरे हुये जिससे ओरियॉन के पूरे नेविगेशन सिस्टम को सहायता मिलती है।

इन परीक्षणों के अभियान (Artemis 1 Mission)के पूरा होने के बाद अगले चरणों इस में बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होंगे।

क्या होते हैं ट्रैकर्स

स्टार ट्रैकर्स नेविगेशन एक प्रकार के उपकरण होते हैं जो तारों की स्थिति के बारे में ज्ञात करते हैं जिससे अंतरिक्ष यान के विन्यास और स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

इन परीक्षणों से, जिसमें ओरियॉन के पिछले हिस्से के सूर्य की ओर होने के दौरान के समय इंजन का परीक्षण भी करना शामिल है, ओरियॉन को अगले चरणों में संचालित करने में आसानी हो सकेगी और इन परीक्षणों से प्राप्त आंकड़े भी इन चरणों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे।

आर्टिमिस अभियान का सदस्य समूह रहित अभियान में ओरियॉन यान के परीक्षण करने के लिए ही भेजा गया है जिसके बाद एक सदस्य समूह पहले अभियान के ही तरह ओरियॉन के सफर को दोहरायेगा जो साल 2023 के बाद ही पूरा होने की आशा है।

 इसके बाद साल 2025 के अंत तक इस अभियान के तीसरे चरण पर विचार किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत पहली महिला और एक पहला पुरुष को चंद्रमा की भू स्थलपर भेजा जायेगा।