जिसने पोस्ट मॉडम किया था उसने उसने बताया की जब मेने शव पर चोट के निसान के बारे बताया तब मुझे नजरअंदाज किया गया था
जब मैंने सुशांत सिंह राजपूत का शव देखा तो यह आत्महत्या का मामला नहीं लगा। उसके शरीर पर चोट के निशान थे।
मैं अपने सीनियर के पास गया लेकिन उन्होंने कहा कि हम बाद में इस पर चर्चा करेंगे: रूपकुमार शाह, कूपर अस्पताल, मुंबई के मुर्दाघर सेवक,ठाणे, महाराष्ट्र
अभी ये चर्चाये दोबारा शुरू हो गई है , अभी लेकिन उन्होंने कोई भी सबूत नहीं दिया है
दावा - ‘‘जब मैंने राजपूत के शव पर अलग-अलग निशान देखे तो मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया.