धीरेन्द्र शास्त्री जी के अनुसार सनातन एक धर्म है राम राज्य एक व्यवस्था है
धर्म को धारण करना होता है और व्यवस्था का पालन करना पड़ता है
धर्म से समाज कल्याण , राष्ट्र और विश्व कल्याण होता है और राम राज्य से जहाँ तक राम राज्य की व्यवस्था का अनुकरण होता है वहां तक कल्याण होता है
धर्म के लिए शरीर की आवश्कता एक व्यक्ति तक सीमित हो सकती है
लेकिन राम राज्य के लिए समूचे राष्ट्र की आवस्यकता होती है