आखिर क्यों रोये बागेश्वर सरकार शास्त्री जी 🥲

आखिर क्यों रोये बागेश्वर सरकार शास्त्री जी, बागेश्वर धाम के श्री पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी अपनी कथा करते हुए नहीं थमे आँशु, धीरेंद्र शास्त्री जी जब भी अपने बचपन को और अपनी गरीबी को याद करते हैं तो हर बार रोते हैं, क्योंकि भगवान श्री हनुमान जी ने उनका बचपन से साथ दिया है और उनकी जो गरीबी थी उसको भी दूर किया है, शास्त्री जी जब भी भागवत कथा सुनाते हैं तो, कथा के अंतिम दिन जब सुदामा चरित्र पर गुरुजी कथा करते हैं तो बहुत रोते हैं क्योंकि सुदामा चरित्र एक ऐसी कथा है जहां पर गरीबी को बहुत ही बेहतर तरीके से बताया गया है क्योंकि सुदामा जी की जिंदगी में बहुत ज्यादा गरीबी थी,

इसी को देखते जब शास्त्री जी अपनी गरीबी को याद करते हैं, वह बताते हैं कि जब वह गरीब थे उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं था, कई बार तो रोटी भी नसीब नहीं होती थी, वे अपने गांव में भिक्षा मांगते थे, पहनने के लिए सिर्फ एक ही पजामा होता था, और इस पजामा को धोकर कल दोबारा से वही तो पजामा पहनत थे, जब वह बताते हैं अपने बचपन की गरीबी को तो बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं और साथ में लोग भी बहुत भावुक को जाते हैं, तो इसी कारण शास्त्री जी बहुत रोते हैं,

“बन जाते हैं लाखों रिश्ते जब पैसा पास होता है, टूट जाता है वह रिश्ता गरीबी में जो सबसे खास होता है” – पं. धीरेंद्र शास्त्री जी

शास्त्री जी कहते हैं कि अब तो लाखों रिश्ते बन गए लेकिन जब मैं गरीब था तब कोई मुझे निमंत्रण का कार्ड भी लोग नहीं देते थे, शास्त्री जी की कुछ बचपन की ऐसी घटनाएं हैं जिनको जब वह बताते हैं तो बहुत ज्यादा भावुक हो जाती है और रोते हैं,

आखिर क्यों रोये बागेश्वर सरकार शास्त्री

इसी कारण वह कहते हैं कि कोई भी भाई अपनी बहन की शादी के लिए न रोए, इसीलिए वह गरीब असहाय कन्याओं का विवाह स्वयं से ही करते हैं, अपनी नौकरी के पैसे को जोड़-जोड़ कर वह 151 कन्याओं का विवाह कर रहे हैं.

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