G20 kya hai ? Vikash Me Yogdan

G20 kya hai ? Vikash Me Yogdan, G20 Kya hai hota hai

जैसा कि आप जानते हैं कि आज के तारीख में भारत में g-20 समिट का आयोजन किया गया है जिसमें दुनिया के 20 देशों के वित्त मंत्री विदेश मंत्री और उन देशों के बैंक  के गवर्नर इस समिट में सम्मिलित होने के लिए भारत आ गए हैं यही वजह है कि जी-20 आज के समय में भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है

और कई लोगों के मन में सवाल आता है कि G-20 क्या है और आखिर में G-20 का विकास में क्या योगदान होगा और इसका आयोजन क्यों किया जाता है ऐसे सवालों के जवाब अगर आप जानना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे आर्टिकल को आखिर तक पड़ेंगे आगे जानते हैं- 

G-20 Kya hai

 G-20 समूह (G-20 group) या जिसे ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (Group of Twenty) भी कहा जाता है जी-20 दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का क इंटरनेशनल समूह है अगर हम आसान शब्दों में कहे तो इस ग्रुप के अंदर दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इसमें सम्मिलित हैं

जिसे दुनिया के आर्थिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। g20 समूह में सम्मिलित 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के देश का विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आइए जानते हैं- 

  •  संयुक्त राज्य अमेरिका, 
  • चीन,
  •  मैक्सिको, 
  • अर्जेंटीना, 
  • रूस, 
  • जर्मनी, 
  • ऑस्ट्रेलिया, 
  • यूके, 
  • ब्राजील,
  •  इटली,
  •  दक्षिण अफ्रीका, 
  • कनाडा, 
  • भारत, 
  • इंडोनेशिया
  • , जापान, 
  • तुर्की, 
  • कोरिया, 
  • फ्रांस, 
  • सऊदी अरब एवं यूरोपीय संघ (EU) 

प्रत्येक वर्ष g20 समिट का आयोजन किया जाता है जिसमें इस समूह में सम्मिलित सभी देश के प्रतिनिधि इस समय सरकार विभिन्न प्रकार के आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं I 

G-20 की स्थापना 

G20 की स्थापना उन्नीस सौ नब्बे के दशक में विकसित और विकासशील देशों के द्वारा किया गया था इसके स्थापना के पीछे का उद्देश आर्थिक और वित्तीय रूप से विभिन्न समस्याओं का सामना करें देश एक-दूसरे को आर्थिक रूप से मदद पहुंचा सके और साथ ग्लोबल पॉलिटिक्स के क्षेत्र में अगर कोई गंभीर समस्या है तो उस पर मिलकर बातचीत करना, 25 सितम्बर 1999 को औपचारिक रूप से अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में G-20 समूह की स्थापना की गयी।

इस संगठन में सदस्य देश के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर लोगों को सम्मिलित किया जाता है 

G-20 समूह द्वारा सर्वप्रथम बैठक जर्मन के बर्लिन शहर में आयोजित की गयी थी 2008 में जब पूरी दुनिया में वित्तीय संकट आया था तो उस समय इस संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसके मुताबिक प्रतिवर्ष G 20 का गठन किया जाना था और जब इस संगठन का समृद्ध आयोजित होता है उसमें कुछ कंट्री को यहां पर गेस्ट के रुप में आमंत्रित किया जाता है

G20 kya hai
G20 kya hai

G-20 समूह के मुख्य उद्देश्य

G.20 स्थापना का मूल उद्देश्य ग्लोबल अर्थव्यवस्था के विकास और वित्तीय एजेंडे को को बढ़ावा देना है ताकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग सभी देशों के बीच स्थापित किया जा सके इस संगठन के द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था के संतुलन को एक देश से दूसरे देश के बीच स्थापित किया जाता है और यहां पर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विचार विमर्श भी करवाए जाते हैं

ताकि इस बात की जानकारी एक देश से दूसरे देश तक पहुंच सके कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का स्वरूप आज की तारीख में क्या है G-20 समूह में दुनिया के 20 शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल किए गए है जो की वैश्विक अर्थव्यवस्था का 90 फीसदी, वैश्विक व्यापार का 80 फीसदी एवं दुनिया की कुल आबादी का दो या तीन तिहाई भाग कवर करता है g20 दुनिया के प्रभावशाली संगठनों में से एक है I  

G-20 शिखर सम्मलेन सूची

यहाँ आपको अभी तक आयोजित सभी G-20 शिखर सम्मलेन सूची प्रदान की गयी है :-

  • संयुक्त राज्य अमेरिका वाशिंगटन डी. सी. 4-15 नवंबर 2008
  • यूनाइटेड किंगडम लंडन 2 अप्रैल 2009
  • संयुक्त राज्य अमेरिका पिट्सबर्ग: 24-25 सितंबर 2009
  • कनाडा टोरंटो 26-27 जून 2010
  • दक्षिण कोरिया.सियोल.11-12 नवंबर 2010
  • फ्रांस.कान 3-4 नवंबर 2011
  • मैक्सिको सैन जोस डेल काबो, लॉस काबोस 18-19 जून 2012
  • रूस.सेंट पीटर्सबर्ग 5-6 सितंबर 2013
  • ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन 15-16 नवंबर 2014
  • तुर्की सेरिक, अंताल्या 15-16 नवंबर 2015
  • चीन हांगझोऊ 4-5 सितंबर 2016
  • जर्मनी हैम्बर्ग 7-8 जुलाई 2017
  • अर्जेंटीना ब्यूनस आयर्स 30 नवंबर – 1 दिसंबर 2018
  • जापान ओसाका 28-29 जून 2019
  • सऊदी अरब.रियाद 21-22 नवंबर 2020
  • इटली बारी  2021
  • भारत नई दिल्ली 9 -10 सितम्बर 2023

Vikash Me Kya Yogadan Hoga 

जी-20 का विकास में क्या योगदान होगा आपके मन में सहारा है तो हम आपको बता दें कि जी-20 के द्वारा इस समूह के जितने भी सदस्य हैं उनके तरफ से एक प्रस्ताव लाया जाएगा कि किस प्रकार वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके,

ताकि विश्व में मंदी जैसे हालात पैदा ना हो इसके अलावा कई प्रकार के राजनीतिक मुद्दे उस पर भी सभी समूह के द्वारा सर्वसम्मति विचार विमर्श किया जाता है ताकि ग्लोबल पॉलिटिक्स में stability लाई जा सके इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण है रूस और यूक्रेन के बीच इस प्रकार यूज़ हो रहा है

उस पर भी सभी देशों ने चिंता जताई है और साथ में उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है बातचीत के दौरान अपनी समस्या का समाधान 2 देशों को कर लेना चाहिए क्योंकि इस समूह के देशों का मानना है कि युद्ध होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इसलिए उसको रोकना बहुत ही आवश्यक है I

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