Bageshwar Dham: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताई घर वापसी (पुनः हिदुत्व अपनाना) की प्रीक्रिया, जाने और क्या कहा बागेश्वर सरकार ने
बागेश्वर धाम के पिठाधिश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण महाराज जी से बुधवार को आज तक की न्यूज़ एंकर श्वेता सिंह ने कुछ समय की वार्तालाप की जिसमे श्वेता सिंह ने धीरेन्द्र महाराज से बहुत से प्रश्न किये जिस वार्तालाप के दौरान पंडित धीरेन्द्र कृष्ण ने सनातन हिन्दू धर्म मे वापसी की प्रीक्रिया बताई।
Bageshwar Dham: क्या है घर वापसी की प्रीक्रिया धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
जब धीरेंद्र कृष्ण महाराज से पूछा गया कि यह जो घर वापसी है उसकी कोई प्रक्रिया है और क्या यह धाम की ओर से अलग है,इसका जवाब देते हुए शास्त्री ने कहा की यह कोई अलग प्रक्रिया नहीं है जो लोग धर्म अपनाने आते हैं कौन से हनुमान चालीसा का पाठ करवाया पाठ करवाकर मस्तक पर सनातनी हिंदुत्व का तिलक लगाया
इसके बाद का गंगाजल छिड़क कर गंगाजल का पान करवा दिया क्योंकि गंगाजल से सभी पाप धुल जाते है तो उनके द्वारा किया गया वैचारिक बदलाव भी शुद्ध हो जाता है शास्त्री जी के अनुसार बाकि सब अन्य पंथ है और सभी का धर्म एक हि है वो सनातन देश का हर एक आदमी अगर सत्य बोले तो उसकी रगो मे केवल राम और कृष्णा का हि खून दौड़ रहा है।
Bagheshwer Dham: मै विज्ञान और डॉक्टरो का विरोधी नहीं हु धीरेन्द्र शास्त्री
इस पर गुरूजी का कहना है की जब भी मेरे पास कोई बीमार व्यक्ति आता है तो मै उसे डॉक्टरी दवाई की सलाह देता हु वह दवा और दोनों के पक्षधर है, शास्त्री जी कहते है की लोगों फालतू की बाते सुनकर विरोध किया है लोग मुझे समझा हि नहीं है मेरे बागेश्वर धाम मे भी पहले औषधालय है फिर ऊपर मंदिर है अगर दवा से आराम नहीं तो ऊपर दुआ के लिये आ जाओ।
![धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताई घर वापसी dheerendra shastri ne batai ghar waapsi ki prakriya](https://emka.news/wp-content/uploads/2023/02/dheerendra-shastri-ne-batai-ghar-waapsi-ki-prakriya.webp)
Bagheshwer Dham: क्या कहा इस दौरान धीरेन्द्र महाराज जी ने
- भारत को 1947 मे हि एक हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था।
- विज्ञान और डॉक्टर्स के विरोधी नहीं बल्कि पक्षधर है।
- हिन्दू राष्ट्र हमारा एक मात्र लक्ष्य है।
- मै भारत का मात्र एक आम नागरिक हु।
- भारत मे सिर्फ एक हि धर्म है सनातन।
Bageshwar Dham: ईसाई बन चुके 220 लोगों ने बागेश्वर धाम मे आकर स्वेछा से की हिन्दू धर्म मे वापसी