Rbi ने डेबिट व क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए नियमों में किया संसोधन

Rbi ने हालही में डेबिट व क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए बैंको के जो नियम बनाये गए थे उनमे कुछ संसोधन किये हैं,

1 – कार्ड देने वाला बैंक व्यापार करने वाली संस्थाओं या किसी व्यापारी व्यक्ति के लिए कार्ड जारी कर सकता है इसे ओवरड्राफ्ट या कैश क्रेडिट से जोड़ सकते हैं व ऐड ऑन कार्ड भी जारी कर सकते है,

2 – अगर कोई कार्ड धारक अपने क्रेडिट कार्ड को बंद करवाता है और बैंक उस कार्ड को 7 दिन के अंदर बंद नहीं करता है तो बैंक को ₹500 प्रति महीना देना होगा,

3 – बैंकों को कस्टमर के लिए मिनिमम अमाउंट ड्यू के बारे में सूचना भेजनी पड़ेगी और सभी चार्ज के बारे में बताना पड़ेगा, और साथ में मिनिमम अमाउंट ड्यू के नुकसान भी बताने पड़ेंगे,

4 – अगर कोई ग्राहक अपना पेमेंट डेट से बाद करता है तो वहां पर, आखिरी डेट के तीन दिनों के बाद बैंक के ग्राहक के ऊपर पेनल्टी लगा सकता है,

5 – बैंक अगर पेनाल्टी लगाता है तो सिर्फ बकाया राशि पर लगाएंगे ना कि कल देय राशि पर,

6 – बैंकों को कस्टमर के लिए अपना बिलिंग साइकिल बदलने का विकल्प देना होगा, कम से कम व्यक्ति एक बार अपना बिलिंग साइकिल बदल सके,

7 – अगर कोई बैंक किसी कस्टमर को डिफॉल्ट करता है तो बैंक का यह फर्ज है कि कस्टमर को सूचित किया जाए, बैंकों को डिफॉल्ट करने से पहले कस्टमर को सूचित करना पड़ेगा, अगर कस्टमर डिफॉल्ट होने के बाद पैसा चुकाता है तो सीआईसी के साथ स्टेटस अपडेट करना होगा,

8 – बैंक लोन खातों के लिए क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता और जन धन योजना या किसान क्रेडिट कार्ड खाता धारको को आप डेबिट कार्ड से जोड़ने से नहीं रोकेंगे 

9 – ग्राहकों की जानकारी बिना कस्टमर की सहमति के बिना कहीं पर भी किसी भी संस्था के साथ में साझा नहीं करना होगा,

10 – लोन की रिकवरी के लिए कस्टमर को ज्यादा प्रताड़ित अगर बैंक करता है तो कस्टमर आरबीएसई पर शिकायत कर सकता है.

ज्यादा जानकारी के लिए Rbi कि वेबसाइट Visit करें.

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